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Stock Market: महत्वपूर्ण स्टॉक मार्किट टर्म्स

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Stock Market: महत्वपूर्ण स्टॉक मार्किट टर्म्स वर्तमान समय में स्टॉक मार्केट का हाई रिटर्न देना लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है जिसकी वजह से बहुत सारे लोग स्टॉक मार्केट के बारे में बहुत चीज सीखना तो चाहते हैं परंतु जब वह सीखते हैं तो कुछ ऐसी टर्मिनोलॉजी या शब्द उनके सामने आते हैं

जिनका मतलब उन्हें पता नहीं होता और वह इन शब्दों को ढूंढने में अपना बहुत सारा समय व्यतीत कर देते हैं लेकिन आज में आपको बहुत आसान भाषा में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताने वाला हूं जो आपकी स्टॉक मार्केट को समझने में बहुत ही मददगार साबित होंगे

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स्टॉक मार्केट क्या है (What is Stock Market)

स्टॉक मार्केट इक्विटी मार्केट या शेयर मार्केट इन तीनों का एक ही मतलब है स्टॉक मार्केट ऐसी जगह है जहां पर आप शेयर को बेचते और खरीदते हैं

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स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange): वैसे तो भारत में बहुत सारे स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है वह दो ही है बीएससी और एनएससी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker): शेयर को आप सीधे ही स्टॉक एक्सचेंज से खरीद या बेच नहीं सकते इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर की जरूरत होगी. स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज वह मेंबर या एक प्लेटफार्म है जिसके द्वारा आप किसी भी शेयर को खरीद या भेज सकते हैं

डिमैट अकाउंट ( Demat Account ): यह एक ऐसा अकाउंट है जहां पर आप स्टॉक को खरीदने के बाद उसे डिजिटल स्टोर करते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट ( Trading account ): एक ऐसा अकाउंट है जहां पर आप स्टॉक को खरीद या बेच सकते हैं मतलब आप उस अकाउंट से ट्रेडिंग कर सकते हैं

सेंसेक्स ( Sensex ): BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक इंटेक्स है जो 30 बड़ी कंपनियों का मिलकर बना हुआ है सेंसेक्स में उतार चढ़ाव से देश की बड़ी कंपनियों और स्टॉक मार्केट की स्थिति के बारे में पता चलता है

निफ्टी ( Nifty ): निफ्टी भी सेंसेक्स के तरह ही एक इंडेक्स है परंतु निफ़्टी NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है जो 50 बड़ी कंपनियों से मिलकर बना हुआ है निफ्टी में उतार चढ़ाव से देश की बड़ी कंपनियों और स्टॉक मार्केट की स्थिति के बारे में पता चलता है

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading): इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें आप जिस दिन किसी शेयर को खरीदते हो उसी दिन उस शेयर को बेच देते हो तो उसे हम इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है

डिलीवरी (Delivery): यह एक ऐसी ट्रेडिंग हैं जिसमें आप जिस दिन शेयर को खरीदते हैं और उस दिन के अलावा उस शेयर को किसी दिन भी बेचते हैं तो उसे हम डिलीवरी ट्रेडिंग कहते हैं

बुल ( Bull ): अगर कभी भी कोई किसी स्टॉक के लिए बुल का यूज़ करता है तो उसका मतलब उस स्टॉक का प्राइस बढ़ रहा है या तो बढ़ने वाला है

बियर ( Bear ):अगर कभी भी कोई किसी स्टॉक के लिए बियर का यूज़ करता है तो उसका मतलब उस स्टॉक का प्राइस गिर रहा है या तो गिरने वाला है

स्क्वायरिंग ऑफ ( squaring off ): यदि आपने कोई स्टॉक को खरीदा है और अब आप उसे बेचना चाहते हो तो आप उस स्टॉक को स्क्वायरिंग ऑफ करना चाहते हो

डेवीडेंट ( dividend ): अगर कभी भी किसी कंपनी को प्रॉफिट होता है तो वह कंपनी अपने प्रॉफिट में से थोड़ा हिस्सा स्टॉक होल्डर्स को दे देती है जिसको हम डेवीडेंट एंड कहते हैं

शेयर बोनस (Share Bonus): शेयर बोनस एक तरह का डेवीडेंट ही है जिसमें कंपनी अपने शेयर होल्डर को डेवीडेंट ना देकर मुफ्त में अपनी कंपनी के शेयर देती है

IPO (Initial Public Offering): आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर offering यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई भी कंपनी अपना पहला कदम स्टॉक मार्केट में रखती है मतलब जब कोई भी कंपनी पहली बार अपने शेयर को स्टॉक मार्केट में जारी करती है तो उसे हम आईपीओ कहते हैं

मार्केट कैप ( Market Cap ): मार्केट कैप किसी भी कंपनी की शेयर प्राइस के टोटल वैल्यू को बताता है

मार्केट कैप तीन प्रकार का होता है

लार्ज कैप ( Large Cap ): लार्ज कैप में उन कंपनियों के स्टॉक को शामिल करा जाता है जिनका प्राइस 20,000 करोड़ या उससे ज्यादा हो

मिड कैप ( Mid Cap ): मिडकैप में उन कंपनियों के स्टॉक को शामिल करा जाता है जिनका प्राइस 5000 से 20,000 करोड़ के बीच हो

स्मॉल कैप ( Small Cap ): स्मॉलकैप में उन कंपनियों के स्टॉक को शामिल करा जाता है जिनका प्राइस 5000 करोड़ से कम हो

मार्केट ऑर्डर (Market Order): मार्केट ऑर्डर एक ऐसा आर्डर है जिसमें वर्तमान समय में चल रहा शेयर का प्राइस में ही शेयर खरीदा और बेचा जाता है

लिमिट ऑर्डर (Limit Order): लिमिट ऑर्डर एक ऐसा आर्डर है जिसमें आप किसी भी शेयर को एक स्पेसिफिक प्राइस यानी विशिष्ट कीमत खरीदते हैं

लिक्विडिटी ( Liquidity ): स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी का मतलब यह होता है कि कोई भी स्टॉक कितनी आसानी से खरीद या बिक सकता है

अगर कोई भी स्टॉक बहुत ही आसानी से खरीद या बिक जाता है तो उसकी लिक्विडिटी ज्यादा होती है और

अगर कोई भी स्टॉक आसानी से नहीं खरीद या बिकता तो उसकी लिक्विडिटी कम होती है

प्राइमरी मार्केट (Primary Market): प्राइमरी मार्केट वह मार्केट है जिसमें कंपनी द्वारा अपने शेयर को निवेशकों को बेचा जाता है इसमें कंपनी की अहम भूमिका होती है

सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market): सेकेंडरी मार्केट वह मार्केट है जिसमें निवेशक एक दूसरों से शेयर को खरीदते और बेचते हैं इसमें कंपनी का कोई भूमिका नहीं होता है

SEBI (Securities and Exchange Board of India): सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया एक संस्था है जो स्टॉक मार्केट में शेयर की खरीदी और बिक्री को रेगुलेट तथा नियंत्रित करता है ताकि निवेशकों के साथ कोई भी धोखाधड़ी ना हो

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